
लंदन की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब नए मेयर बने राजकुमार शर्मा ने ‘श्री कल्कि धाम’ की ओर आध्यात्मिक उड़ान भरने का इरादा कर लिया।
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आचार्य प्रमोद कृष्णम से वीडियो कॉल पर आशीर्वाद लेते ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई—कौन कहता है कि सत्ता और साधना एक साथ नहीं चल सकते?
अब तक आपने नेताओं को संसद जाते देखा होगा, मंदिर जाकर प्रसाद लेते देखा होगा, लेकिन लंदन के मेयर का भारत के एक आध्यात्मिक संत से आशीर्वाद लेना और फिर श्री कल्कि धाम आने का न्योता स्वीकार करना—यह तो “डिप्लोमैटिक धर्म-संगम” है!
जहां विदेश नीति अब तक वीज़ा और डील से चलती थी, अब उसमें “आशीर्वाद” का डोज़ भी शामिल हो गया है। शायद यह मोदी युग का नया मैजिक है—”Vishwaguru meets Vishwameyer!”
राजकुमार शर्मा को बधाई देते हुए आचार्य प्रमोद ने ट्वीट किया:
“भारत का गौरव बढ़ाने हेतु आत्मीय बधाई एवं शुभाशीष।”
अब सवाल यह है कि जब वे श्री कल्कि धाम पधारेंगे, तो प्रसाद में क्या मिलेगा—दूध-सेवईं या विदेशी डिप्लोमेसी का नया स्वाद?
जब लंदन का मेयर भारतीय संतों से प्रेरणा लेने लगे और कल्कि धाम का निमंत्रण स्वीकार कर ले—तो यह सिर्फ धार्मिक डिप्लोमेसी नहीं, बल्कि ‘भारत के सॉफ्ट पावर’ की ग्लोबल स्वीकार्यता का संकेत है। बस यही उम्मीद है कि ये मुलाकात “फोटो ऑप” न बनकर “पथ-प्रदर्शक” बने।
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